Tuesday, February 17, 2015

"इतना रूखसत " --हसरत

तू इतना रूखसत हो गया है मेरी ज़िन्दगी से
लगता है जैसे खो गया हूँ मैं अब खुद-ही से

हर किसी से इतना रुसवा हो गया हूँ
लगता है जैसे कायनात थी बस तुझी से

तेरा आशिक़ मारा-मारा फिरता हूँ
सोचता हूँ क्या मिला तेरी बंदगी से

खो रहा हूँ धीरे-धीरे खामोशियो में
पाया वही जो मिल गया इस ज़िन्दगी से

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